जय जिनेन्द्र दोस्तों !
भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !
आज 31 दिसंबर ! वर्ष 2013 का
अंतिम दिवस ! कुछ खट्टे मीठे अनुभवों के साथ जीवन बेला का एक और वर्ष भी गुजर जाएगा ! कुछ संयोग –वियोग के साथ
!कुछ सुख- दुख के साथ ! कुछ लोगों के और ज्यादा करीब जाने का अवसर मिला ! तो कुछ
को करीब से जानने का मौका मिला ! कुछ रिश्तों ने और प्रगाढ़ प्रेम उंडेला तो कुछ
काफी नजदीक आकर भी अकस्मात से दूर हो गये !
एक असमय में ही सदा के लिए रूठ कर इस सँसार से चला गया ! इसी कारण से भी
शायद ,अपनी ही कमियों के होते हुए ज्यादा लोगों से नही जुड पाया उन सब से करबद्ध
क्षमा याचना ! इस जाते हुए वर्ष के दौरान
मुझ से काफी कुछ गलतियाँ जाने अनजाने में जरूर हुई होंगी ,उन सभी के लिए मुझे
क्षमा दान दें ! आने वाला नव वर्ष आप सभी के लिए मंगलमय हो ,सुख समृद्धि का देने
वाला हो ,इसी मंगल भावना के साथ गुरुवर श्री उपाध्याय अमर मुनि की ये पंक्तियाँ
अक्सर ही याद आ जाती हैं !
जाति धर्म के क्षुद्र अहं पर ,लड़ना
केवल पशुता है !
जहाँ नही माधुर्य भाव हो ,वहाँ
कहाँ मानवता है !!
और
तु सूरज है तु क्यूँ पगले ,अन्धकार
से डरता है
तु तो अपनी एक किरण से जग
प्रदीप्त कर सकता है !!
एक बार फिर से आप सभी के लिए
मंगल कामना,भावना करता हूँ ! आप सभी मुझे अपना
शुभाशीष प्रदान करें !
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