मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 24 April 2014

पुकार संत की



जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  संध्या  !

पुकार संत की सरगम का काम करती है ,
हों जख्म गहरे तो मरहम का काम करती है !
नसीहतों की पूंजी इनकी संभाल कर रखना ,
ये धर्म के कार्य में परचम का काम करती है !

No comments:

Post a Comment