मित्रों जय जिनेन्द्र ....प्रणाम शुभ प्रात: !
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ! शायद औपचारिकता वश हम एक दुसरे को
गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं दे रहे हैं ,कहने को आज हम अपना गणतंत्र दिवस मना रहे
हैं ,पर जरा सोचिये क्या मायने हैं इस गणतंत्र के ! सरे आम महिलाओं पर अत्याचार हो
रहे हैं ,दिगम्बर साधु तक ,जिनके पास तिनका मात्र भी परिग्रह नहीं , भी जिस धरती
पर सुरक्षित नहीं रहे ,देश के वीर सिपाही जो सीमा पर शहीद हो जाएँ ,उनकी देश के
प्रधानमन्त्री तक सुध ने लें ,देश का युवा वर्ग पढ़ लिखकर भी बेरोजगारी और बेकारी से
जूझ रहा हो ,देश के शासक ही जिस देश के लोगों का खून चूस चूस कर अपनी
तिजोरियां भर रहे हों ,देश के राजनेता और उद्योगपति अपने देश के धन को स्विस
बैंकों में जाकर जमा कर रहे हों ,कैसा गणतंत्र और कैसी आजादी ! मगर फिर भी मै इस
भारत माँ का बेटा हूँ, आओ मिलजुल कर एक नई दिशा में कदम बढ़ाएं ......एक नए भारत का
निर्माण करें .........जय हिंद
आपने मेरे ब्लॉग पर कमेंट किया ता कि आपने मरा गीत लगाया, बाद में कमेंट किया कि हटा दी गई है। मगर क्यों?
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गणतन्त्रदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपने बार बार वहाँ लिखा की हटाये ......इसीलिए ..अक्सर कभी किसी का पोस्ट कभी शायद ही लगाता हूँ .....चाहे चार पंक्तियाँ ही लिखूं अपनी ही लिखता हूँ ....दो बार आपने अपने ब्लॉग पर कमेन्ट में लिखा कि "हटाये" ....नमस्कार
ReplyDeleteराजेश जैन जी!
ReplyDeleteजय जिनेन्द्र!!
कोई सज्जन मेरी रचनाओं को मेरे नाम से अपने ब्लॉग पर लगाए तो मुझे तो प्रसन्नता ही होगी!
आपको अनुमति है सर!
धन्यवाद .....रूपचन्द्र शास्त्री जी ..नमस्कार ! आपका आभार !
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