सूरज
का उगना याद रहा, पर दिन का ढलना भूल गए |
पलकों में सपने मंजिल के, पावों से चलना भूल गए ||
१. गंभीर समस्यायों का सागर, इधर उधर लहराता है |
लहरों के साथ बहे जाते, बाहों से तरना भूल गए ||
२. सुख बांट-बांट भोगा जाता, दुख भोगे सभी अकेले ही |
जीते हैं औरों की खातिर, अस्तित्व स्वयं का भूल गए ||
३. अविराम बही जाती जीवन की, धारा समय धरातल पर |
क्यों भोर भरी दास्तान शांति, समता की लिखना भूल गए ||
४. सब खड़े मौत की लाईन में, कब किसका नंबर आ जाए |
तुम रचा अमरता की मेहंदी, मृत्युंजय बनना भूल गए ||
५. मंदिर-मंदिर में ढूंढ रहे, कब से ज्योतिर्मय इश्वर को |
जीवन मंदिर में सदाचार का, दीप जलाना भूल गए ||
६. जब कल्पवृक्ष बीज और अमृत के कलश पास में हैं |
तब 'कनक' स्वयं की राहों में, क्यों फूल खिलाना भूल गए |
~ साध्वी कनकश्रीजी - पुस्तक " धम्म जागरणा " से
पलकों में सपने मंजिल के, पावों से चलना भूल गए ||
१. गंभीर समस्यायों का सागर, इधर उधर लहराता है |
लहरों के साथ बहे जाते, बाहों से तरना भूल गए ||
२. सुख बांट-बांट भोगा जाता, दुख भोगे सभी अकेले ही |
जीते हैं औरों की खातिर, अस्तित्व स्वयं का भूल गए ||
३. अविराम बही जाती जीवन की, धारा समय धरातल पर |
क्यों भोर भरी दास्तान शांति, समता की लिखना भूल गए ||
४. सब खड़े मौत की लाईन में, कब किसका नंबर आ जाए |
तुम रचा अमरता की मेहंदी, मृत्युंजय बनना भूल गए ||
५. मंदिर-मंदिर में ढूंढ रहे, कब से ज्योतिर्मय इश्वर को |
जीवन मंदिर में सदाचार का, दीप जलाना भूल गए ||
६. जब कल्पवृक्ष बीज और अमृत के कलश पास में हैं |
तब 'कनक' स्वयं की राहों में, क्यों फूल खिलाना भूल गए |
~ साध्वी कनकश्रीजी - पुस्तक " धम्म जागरणा " से
Contributed by : Sh. Chanchal Bothara ji in U A E
Written
by : Saadhvi Kanakshri ji.
om arham
ReplyDeletehttp://www.facebook.com/pages/Jain-Terapanthi-i-proud-2-be/122850810049?ref=pb
ओम अर्हम
ReplyDeletekaise hai aap @rajesh ji ? Teerthankar blog ko aap likhte rahe... acchaa blog hai .
ReplyDeleteहां एक बात और कमेन्ट करते समय इसमें वर्ड वेरिफिकेशन का ऑप्शन हटा ले .. ताकि पाठक सुगमता से अपना मत रख सके !
ReplyDeleteom arham, om arham, om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,om arham, om arham,
ReplyDeleteThanx Rajesh Ji..I really like your blog and all blog post..
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