धन ,बल और बुद्धि जहाँ हार
जाते हैं वहाँ आत्म – विश्वास ही मनुष्य को सहारा देकर संकटों से उबार सकता है !
एक सेठ था ! उसके थे दो बेटे !
सेठ ने अपने दोनों बेटों को उपदेश दिया –तुम दोनों दुनिया भर में कोठियां बनाओ !
अब एक लड़का तो सच में ही जगह जगह कोठियां बनाने लगा ! आखिर कहाँ तक बनाता ? वह थक
गया ! धन भी जबाब दे गया !
दूसरा लड़का अधिक बुद्धिमान
था ! उसने कोठियां बनाने की बजाय जगह-जगह मित्र बनाने शुरू कर दिये ! इसमें वह जरा
भी नहीं थका और अपने भाई से बहुत आगे निकल गया ! क्योंकि उसके लिए मित्रों की
कोठियों के द्वार हमेशा खुले रहते थे !
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