मित्रों जय जिनेन्द्र
......शुभ प्रात: प्रणाम
रोने से बालक का काम चल
सकता है ,युवक का नहीं !प्रभु के सामने रोने धोने से मुक्ति नहीं मिलेगी ,केवल
प्रार्थनाएं करने से ये बंधन नहीं टूटेंगें ! प्रार्थना के साथ पुरुषार्थ भी करना
होगा ! भक्ति के साथ सत्कर्म भी करना होगा !
No comments:
Post a Comment