मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

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Monday, 29 October 2012

आर्यिका माँ ज्ञानमती के जन्म दिवस पर नमन



आज आश्विन शुक्ल पूर्णिमा है ......दिगंबर जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी ,जम्बुद्वीप तीर्थ ,हस्तिनापुर की पावन प्रेरणा आर्यिका माँ ज्ञानमती जी के 79 वें जन्म दिवस पर हार्दिक अभिवंदन ....नमन ....आपका तप त्याग हर क्षण हमारे जीवन में भी निरंतर नई उर्जा का संचार करता रहे ......इसी भावना के साथ ........

एक ज्योति से ज्योति सह्स्र्त्रों ,जलती जाएँ  अखिल विश्व में ,
अन्धकार का नाम नहीं रहने पाए इस अवनीतल में !
यूँ तो जुगनू का किंचित टिमटिम प्रकाश होता रहता है ,
किन्तु सूर्य की प्रखर कान्ति से उसका बल खोता रहता है !!

चलो बंधुओं बढते जाओ ,कभी शूल से मत घबराना ,
शूल के पथ को तुम फूलों की  कोमलता से भरते जाना !
यही महानता है जीवन की ज्ञानमती ने सिखलाया है ,
अमर विश्व में रहे “चन्दना”जो प्रकाश हमने पाया है !!

ब्राह्मी चंदनबाला जैसी छवि जिनमे दिखती रहती ,
कुन्दकुन्द गुरुवर सम  जिनकी सतत लेखनी है चलती !
नारी ने भी नर के सदृश दिखाई चर्या यति की ,
मेरा भी वंदन स्वीकारो ,गणिनी माता ज्ञानमती !!

है यही प्रार्थना जिनवर से ,यह प्रभा सदा दिन दुनी हो ,
भारत माता की गोदी इस माता से कभी न सुनी हो !

आर्यिका माता ‘चंदनामती’जी के लेखों  से 


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