मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday, 8 January 2014

चिन्तन

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !


चिन्तन के द्वारा बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है ! व्यक्ति की सुझबुझ और चिन्तन से ऐसा मार्ग निकलता है कि समस्या का समाधान हो जाता है ! चिन्तनशुन्य व्यक्ति समस्या को उलझा देता है ,उसका कभी समाधान नही कर पाता !

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