जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !
जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!
सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !
कोई कापीराइट नहीं ..........
Sunday, 18 November 2012
Good evening ......शुभ संध्या
दुखों से संघर्ष करके आगे
बढ़ने वाला असीम विस्तार पाकर विकास की चरमकोटि पर पहुँच जाता है ! अपने बल पर अपना विकास करने वाला दूसरों के विकास
में सहायक होता है ,अपनी रक्षा स्वयं करने वाला दूसरों की रक्षा करने में भी समर्थ
होता है !
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