वचन मारक और तारक होते हैं ! प्रहारक और उद्धारक होते हैं
वचनों का सदुपयोग करें ,दुरूपयोग नही !
आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु ,वन्दामि , मत्थेण वन्दामि ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:
को यथोचित नमोस्तु ,वन्दामि , मत्थेण वन्दामि ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:
Very true...Pple shd always use words that are so soft and appropriate.It should be according to the meeting .Never ever try to use harsh words.Words are very powerful in conveying your real feelings...
ReplyDeleteRight Tanu ,we have to use our words effectively and to the fact that nobody is hurt.
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