मै नही कहता हूँ किसी का कोई उपकार करो ,मै तो यही कहता हूँ कि किसी का अपकार मत करो ! मै यह नही कहता कि किसी को अमृत दो ,मै यह कहता हूँ कि किसी को जहर तो मत दो ! मै नही कहता किसी को दो रोटियां दो ,मै यह कहता हूँ कि किसी के पेट पर लात तो मत मारो ! मै यह नही कहता किसी की आँख के आँसू समेट लो ,मै यह कहता हूँ कि किसी की आँखों मे आँसू तो मत गिराओ ! मै यह नही कहता हूँ कि किसी को मकान बना कर दो ,मै यह कहता हूँ कि किसी की झोंपड़ी तो मत उजाडो ! मै यह नही कहता कि कारों मे मत चलो ,मै यह कहता हूँ कि कारों से (अंधाधुंध ) जीवों को तो मत कुचलो ! मै यह नही कहता कि सेठ मत बनो ,मै यह कहता हूँ कि दूसरों का पेट काट कर तो सेठ मत बनो !
मुनि श्री 108 सुधासागर जी "दस धर्म सुधा " मे
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