सागर मे गोता लगाने पर मोती न मिले तो ये मत
समझो कि सागर मे मोती नही हैं! धर्म से ही शांति
मिलेगी ,आज नही तो कल !
आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओंको यथोचित नमोस्तु,वन्दामि , मत्थेण वन्दामि ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
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