मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Saturday, 25 August 2012

फूल और काँटे




हर आफत की आंधी से टकराना सीखो ,
अँधेरी रात में दीप जलाना सीखो
जीवन की मुस्कान के लिए समर्पण दो
सुखी बगिया में भी फूल खिलाना सीखो



जिन्दगी आप की फूलों की तरह मुस्कुराए
गम की हवा आपको कभी छू भी ना पाए
यूँ तो लाखों आये मौसम पतझड़ के
पर आपकी खुशी का  एक फूल भी ना मुरझाए

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