मित्रों ! जय जिनेन्द्र, नमस्कार ,प्रणाम
प्रत्येक व्यक्ति के तीन मित्र हैं शरीर
,परिवार और धर्म ! शरीर सबसे पहले साथ
छोड़ता है ! परिवार कुछ दूर यानि शमशान तक साथ रहता है लेकिन एक धर्म ही है जो अन्त
समय तक व अगली पर्याय में भी साथ निभाता है ! इसिलिए हमें धर्म को अपने जीवन में सबसे पहला स्थान
देना चाहिये !
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