आज का विचार 08.11.2011
जैसे जौं से जौं ,चने से चना
पैदा होता है ,वैसे दुःख से दुःख
पैदा होता है !
आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:
Dukh and sukh both go hand in hand.Neither a person can suffer from Dukh only nor he can handle Sukh only...
ReplyDeleteBe patient in life in both types of situations Tanu,not become very angry in sorrow and not be very happy in favourable circumstances.
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