मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday, 18 November 2011

अनमोल वचन


                अनमोल वचन
            दूसरों को धोखा देकर कोई भी सुख से नही रह सकता ,स्वयं का कुटिलता पूर्ण व्यव्हार स्वयं के लिये दुखद सिद्ध होता है ! अत: किसी के साथ भी कुटिलता पूर्ण व्यव्हार नही करना चाहिए !

             जो दूसरों का बुरा सोचता है ,वह स्वयं का बुरा करता है ! स्वयं के बचाव के लिये जो दूसरों को धोखा देते हैं वे कभी भी अपने जीवन में सुख से नही रह सकते ! अत: किसी भी स्तिथि में दूसरों का बुरा न सोचें !

            हर व्यक्ति पर मिष्ठ वचन का प्रभाव पड़ता है ! दुनिया को वश में करने के लिये मिष्ठ वचन एक महामंत्र है ! मिष्ठ वचन से शत्रु भी मित्र बन जाता है और मिष्ठ वचन के अभाव में मित्र भी शत्रु बन जाते हैं ! अत: कर्कश शब्दों का परित्याग करके मधुर वचनों का प्रयोग परम अपेक्षा रखता है !

No comments:

Post a Comment