आज का विचार 12.11.2011
शिल्पी पत्थर को प्रतिमा बनाता है ,कुम्हार मिटटी को घड़ा ,
माली बीज को वृक्ष ,इसी तरह धर्म आत्मा को परमात्मा
बनाता है !
आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:
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