मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 31 December 2013

स्वागतम नव वर्ष 2014

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार !
दोस्तों ! चंद मिनटों की बात है बस ! साल 2013 भी इतिहास के पन्नों में दफ़न होकर के रह जाएगा ! साल 2014 लेकर के आएगा एक नयी उम्मीद ,एक नयी आशा , सुबह की एक नयी किरण के साथ हम  सब  आरम्भ करें  एक नए दृष्टिकोण के साथ  नए विश्व  के निर्माण की ,जहाँ न भूख होगी,न होगी गरीबी  ,न बेरोजगारी होगी , होगा तो बस प्रेम ,जीव मात्र के लिए दया व करुणा ! आइये मोड दें अपने जीवन को इस दिशा में ......क्यूंकि ....
जीवन है नदिया की धारा
जब चाहो मुड सकती है !
नरक लोक से स्वर्ग लोक से
जब चाहो जुड सकती है !!

नव वर्ष 2014  हम सभी के लिए मंगलकारी हो ! आनन्ददायी हो ! सुख समृद्धि व शान्ति का देने वाला हो ! इसी मंगल भावना के साथ आपका ये दोस्त ........

अलबिदा 2013

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !
आज 31 दिसंबर ! वर्ष 2013 का अंतिम दिवस ! कुछ खट्टे मीठे अनुभवों के साथ जीवन बेला का एक और  वर्ष भी गुजर जाएगा ! कुछ संयोग –वियोग के साथ !कुछ सुख- दुख के साथ ! कुछ लोगों के और ज्यादा करीब जाने का अवसर मिला ! तो कुछ को करीब से जानने का मौका मिला ! कुछ रिश्तों ने और प्रगाढ़ प्रेम उंडेला तो कुछ काफी नजदीक आकर भी अकस्मात से दूर हो गये !  एक असमय में ही सदा के लिए रूठ कर इस सँसार से चला गया ! इसी कारण से भी शायद ,अपनी ही कमियों के होते हुए ज्यादा लोगों से नही जुड पाया उन सब से करबद्ध क्षमा याचना ! इस जाते हुए  वर्ष के दौरान मुझ से काफी कुछ गलतियाँ जाने अनजाने में जरूर हुई होंगी ,उन सभी के लिए मुझे क्षमा दान दें ! आने वाला नव वर्ष आप सभी के लिए मंगलमय हो ,सुख समृद्धि का देने वाला हो ,इसी मंगल भावना के साथ गुरुवर श्री उपाध्याय अमर मुनि की ये पंक्तियाँ अक्सर ही याद आ जाती हैं !
जाति धर्म के क्षुद्र अहं पर ,लड़ना केवल पशुता है !
जहाँ नही माधुर्य भाव हो ,वहाँ कहाँ मानवता है !!
और
तु सूरज है तु क्यूँ पगले ,अन्धकार से डरता है
तु तो अपनी एक किरण से जग प्रदीप्त कर सकता है !!
एक बार फिर से आप सभी के लिए मंगल कामना,भावना  करता हूँ ! आप सभी मुझे अपना शुभाशीष प्रदान करें !



Sunday 29 December 2013

शुभ संध्या !

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ संध्या  ! 
कार्य की सफलता के लिए सबसे पहले जरूरी है स्पष्ट कल्पना ! जब तक कल्पना स्पष्ट नही ,तब तक आगे का काम नही हो सकता ! यदि कल्पना स्पष्ट है तो मान लेना चाहिए कि पच्चीस प्रतिशत काम हो गया !


Saturday 28 December 2013

जय जिनेन्द्र दोस्तों !

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !


व्यक्ति बात करे लेकिन दुसरे के तनाव का कारण न बने ! होता यह है कि मन के अनुकूल बात हो तो भी तनाव हो जाता है और बात मन के प्रतिकूल हो तो भी तनाव हो जाता है ! स्वास्थय के लिए जरूरी है कि कहने वाले की बात में निहित सच्चाई को जानें ,उसके मंतव्य को समझें ताकि तनाव का हेतु न बनें ! 

Wednesday 25 December 2013

क्रिसमस की हार्दिक शुभ कामनाएं !

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: ! आप सभी का स्नेह ,प्यार व शुभाशीष मुझ पर बरसता रहे ! क्रिसमस की हार्दिक शुभ कामनाएं ! 

दौड़ने की जरूरत नही है ,धीमे-धीमे चलें ! किन्तु लक्ष्य याद रहे ! लक्ष्य बन गया तो पहुंचा जा सकता है ,यात्रा लंबी हो ,गति मंद हो तो भी पहुंचा जा सकता है ! जिसने लक्ष्य ही छोटा बना लिया उसके पाँव रुक जायेंगें ! इसीलिए लक्ष्य को हमेशा बड़ा रखें !