मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Saturday 28 December 2013

जय जिनेन्द्र दोस्तों !

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !


व्यक्ति बात करे लेकिन दुसरे के तनाव का कारण न बने ! होता यह है कि मन के अनुकूल बात हो तो भी तनाव हो जाता है और बात मन के प्रतिकूल हो तो भी तनाव हो जाता है ! स्वास्थय के लिए जरूरी है कि कहने वाले की बात में निहित सच्चाई को जानें ,उसके मंतव्य को समझें ताकि तनाव का हेतु न बनें ! 

No comments:

Post a Comment