मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Sunday 29 December 2013

शुभ संध्या !

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ संध्या  ! 
कार्य की सफलता के लिए सबसे पहले जरूरी है स्पष्ट कल्पना ! जब तक कल्पना स्पष्ट नही ,तब तक आगे का काम नही हो सकता ! यदि कल्पना स्पष्ट है तो मान लेना चाहिए कि पच्चीस प्रतिशत काम हो गया !


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