आज का विचार 12.12.2011
अच्छे कार्य का प्रथम कदम उठाना ही मुक्ति है क्योंकि
प्रथम कदम में संकल्प,सहस शक्ति ,श्रम की जरूरत है !
जीवन रुपी वृक्ष आत्मविश्वास की जड पर टिका हुआ है !
जीवन का विकास विलास से नही त्याग से है !
आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
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