मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 30 August 2013

अपरिचित लोगों से फ़ोन पर बात न करें ...महंगा पड सकता है !



बंधुओं जय जिनेन्द्र ! प्रणाम ! नमस्कार !
मित्रों ! विषय कुछ गंभीर है और आप सभी के हित में है , आप ये सोच सकते है की धर्म के ब्लॉग पर इस पोस्ट का क्या काम ? लेकिन महत्वपूर्ण है इसीलिए लिखी !कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और अपने मित्रों तक भी पहुंचाए व शेयर करें ! (ना ही मै किसी Insurance company /I R D A से किसी भी तरह का कोई सम्बन्ध रखता हूँ और ना ही मेरा किसी सरकारी /गैर सरकारी विभाग से कोई लेना देना है ) पिछले दिनों में Private Insurance companies ने mis-selling के द्वारा आम जन मानस को इस कदर लूटा है कि मुसीबत का मारा इन्सान कहीं से प्यार और सहानुभूति के दो बोल सुनते ही पिघल जाता है और अपना सब कुछ Information अन्जान व्यक्ति के सामने खोल कर सब कुछ बयां कर देता है ,जैसे कि Insurance policy details/ agent’s commission /mis-selling fundas employed by the agent/company.
मेरी आज ये पोस्ट न किसी Insurance company के और न ही उनके कारोबार के विरूद्ध है बस इसका आधार है आम जनमानस का ठगा जाना जो कि IRDA (Insurance Regulatory Development Authority ) के आफिसर बनकर फर्जी फोन करने वालों के विरूद्ध है ! मित्रों ! आप सभी को ये बता दूँ कि आज हमारा हिन्दुस्तान इतना भी नही सुधर गया है कि किसी भी Govt Institution/Agency/department के लोग आप से आप की सुख सुविधा और परेशानी पूछने के लिए आप तक पहुँचें या आप को फोन करें !
Modus Operandi :- एक बार जब आप इनसे बात करते ही इन्हें अपनी Policy/Scheme के बारे में बता देते हैं तो इनका पहला जबाब यही होता है कि हम आपको आपकी policy details के बारे में कुछ देर में सूचित करते हैं ! कुछ देर आपको इन्तजार करवा कर ये आपको अपने जाल में फंसा लेने के कुछ और करीब हो जाते हैं ! कुछ देर बाद ये आपको सूचित करते है कि आपके द्वारा चुना गया plan/scheme बहुत ही अच्छी थी और इस के लिए ये आपकी तारीफ़ के पूल भी बांधते हैं लेकिन यहाँ ये आपको कहते हैं कि आपके plan/scheme के पूरे benefit आप तक नही पहुँच रहे हैं और आपका Agent/development officer आपके नाम के फायदे को कहीं अपने Agency code में डलवा रहा है ! ये ऐसा इसलिए कहते हैं कि plan/scheme से पहले से ही असंतुष्ट ग्राहक अपने Agent/D.O से इस बातचीत की चर्चा ही नही करे ! उसके बाद ये लोग आपको कहते हैं कि आपके एक लाख /दो लाख /चार लाख रुपए के लाभ आपकी शिकायत पर आप चाहें तो आपको वापस प्राप्त हो सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको इसकी 5%/7%/10% फीस जमा करनी होगी और ये फीस भी कुछ दिनों की आपकी कारवाई के बाद आपके अर्जित किये हुए पैसों के साथ आपको वापस मिल जायेगी !
बातचीत करने वाला शख्स इतना शातिर दिमाग होता है कि आपको बातों के जाल में इस कदर उलझा लेता है कि आप बरबस ही पन्द्रह /बीस /पचीस हजार रुपए जैसी छोटी रकम (ये रकम आपको उस समय बहुत छोटी लगने लगती है जब आपके सामने लाखों रुपए की बात की जा रही हो चाहे आप रिक्शा वाले से चालीस रुपए की जगह पैंतीस रुपए में ले जाने वाले इन्सान हों या कहीं सब्जी वाले से टमाटर पचास रुपए किलो की जगह चालीस रुपए खरीदने के लिए पूरी मार्केट घूमने वाले इन्सान हों ) उन्हें उनके मनचाहे तरीके से भेंट कर बैठते हैं !
इस प्रकार की ठगी अक्सर मोबाइल फोन पर सरकारी विभाग का अधिकारी बनकर की जाती है और फंसने वाले ज्यादातर लोग सभी पढ़े लिखे कहलाने वाले होते हैं !
मित्रों ! आप सभी को ये ज्ञात हो कि आज कोई भी सरकारी विभाग इतना सक्षम नही है कि आप के दुःख दर्द पूछने के लिए आपको फोन करे या व्यक्तिगत रूप से contact करे ! उल्टा हालत कभी कभी तो ये होती है कि शिकायत करने के बाद भी महीनों निकल जाते हैं और कहीं कोई असर नही होता ! ठगी के बाद अक्सर आम आदमी पुलिस शिकयत भी नही करता है क्योंकि रकम इतनी कम( उन्हें लगती है झंझट के फंसने के सामने) होती है कि कोई रफडे में नही फंसना चाहता ! और फिर दोष जाता है व्यवस्था और सरकारी तंत्र पर ! वैसे आजकल पुलिस डिपार्टमेंट में भी Internet/mobile ठगी के लिए special cell होते हैं जो नागरिकों कि हर संभव मदद करते हैं ! लेकिन कोई उन तक जाएगा ,तभी तो !
इसलिए वक्त का तकाजा है कि problem की जड को समझें और अपने finance matters/bank a/cs, insurance policy /password आदि की चर्चा किसी तरह भी अपरिचित लोगों से न करें !


No comments:

Post a Comment