मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 30 August 2013

स्वयं सुखी रहना है तो सबको सुखी बनाये



बंधुओं जय जिनेन्द्र ! प्रणाम ! नमस्कार !

भगवान महावीर अभ्युदय अतिशय क्षेत्र ! Gurgaon .. Live capture .......25 August 2013
स्वयं सुखी रहना है तो सबको सुखी बनाने का प्रयास करो ! पुन:उसे भी उपेक्षित कर स्वोपकारी बनने का प्रयत्न करो ! तभी सच्ची शान्ति ,निज रूप शान्ति मिलेगी ! बिना आत्म कल्याण का लक्ष्य हुए किया गया परोपकार अज्ञान जन्य क्रिया है , जो दुःख का कारण होती है ! अशान्ति उत्पन्न करती है !

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