मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Saturday 4 May 2013

जय जिनेन्द्र बंधुओं


जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! नमस्कार !
मैंने  इस  उम्र  मे  पता नहीं क्या - क्या देखा है,
ज्ञानी  मानव  को  कैसे -कैसे  भटकते  देखा  है !
चन्द  मुसीबतों   से  मत  घबराओ,  मेरे दोस्त ,
वीरान गुलशन को भी वक्त पर महकते देखा है !

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