मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Saturday 12 April 2014

ज्ञान



जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  मध्यान्ह  !

ज्ञान के समान अन्य कुछ भी पवित्र नही है , आत्मा को पावन करने वाला नही है ! जैसे प्रज्वलित अग्नि काष्ठ समूह को भस्मसात कर देती है , वैसे ही ज्ञान रूपी अग्नि सम्पूर्ण कर्मों को भस्म कर देती है !
भगवद्गीता से

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