मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 31 December 2012

स्नेह


जय जिनेन्द्र मित्रों ....प्रणाम ! शुभ प्रात:
31 December साल का आखिरी दिन .......साल के प्रारंभ में एक पोस्ट लिख कर Resolution लिया था (facebook)कि किसी को भी अपनी प्रोफाइल से unfriend नहीं करूँगा ! हाँ ,Block करने की Option अपने पास रखी थी ,लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं पड़ी !आज तक उस Resolution को निभा पाया हूँ उसके लिए आप सब मित्रों का  भी आभारी हूँ ! हाँ कुछ मित्र मुझे छोड़ कर जरूर गये ! उनका भी आभारी हूँ ! इसी कारण से कुछ अच्छे लोग भी प्रोफाइल में आने से शायद छूट गये हैं ,उनसे क्षमा प्रार्थी हूँ !
वैर से वैर शांत नहीं हो सकता ! संदेह से संदेह दूर नहीं हो सकता ! वैर का शमन मित्रता का हाथ बढाने से संभव है ! संदेह का कुहासा आपसी विश्वास का सूरज उगाने से ही छंट सकता है !
अपनी इन कल की पंक्तियों पर अमल करते हुए, जो लोग मुझे छोड़ कर गये हैं उनका मेरी प्रोफाइल में फिर स्वागत है ! बगैर किसी अपेक्षा के वो फिर से मुझ से जुड सकते हैं क्योंकि मुझे ये बिलकुल मंजूर नहीं कि कोई मेरे नजदीक आकर दूर चला जाए !  
नए साल 2013 में एक नया Resolution ले रहा हूँ जो नए मित्र (जिन्हें मै पहले से नहीं जानता हूँ चाहे व्यक्तिगत जीवन में चाहे फेसबुक के ही माध्यम से ) मुझ से जुडेंगे वो मित्रता तक ही सीमित रहेंगे ! ना दीदी ,ना जीजी ना बहना ना भैय्या ,,,,
मन में जब स्नेह होता है तो मरुस्थल के रेगिस्तान में कमल खिल उठते हैं ,मन में जब प्रेम होता है तो सँसार के समस्त कष्ट आनन्द के स्त्रोत बन जाते हैं !

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