मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 1 February 2012

आज का विचार 01 .02.2012


वाणी हित मित और प्रिय होनी चाहिये !


आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की 
 “एक लाख की एक एक बात “ से

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