मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........
जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !
जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!
सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !
कोई कापीराइट नहीं ..........
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