मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 11 February 2014

धन, सत्ता और प्रतिष्ठा

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार !
 शुभ प्रात: ! 

धन, सत्ता और प्रतिष्ठा मनुष्य
से न जाने कितने पाप झूठ,
 चोरी, हिंसा और अनाचार
कराते हैं !

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