मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

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Monday 3 February 2014

अहिंसा और चरित्र

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


ज्ञान के साथ ही करुणा का भाव होना भी अति आवश्यक है ! करुणा मानव को जीवन के उच्च स्तर पर आसीन करती  है क्योंकि वैचारिक क्रान्ति के बाद ही प्राणी में करुणा का जन्म होता है ! करुणा को अहिंसा का आधार भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी ! अहिंसा को जीवन में उतारने के लिए व्यक्ति को चरित्र की महती आवश्यकता है ! चरित्र के अभाव में आज हमारा देश अनेक कठिनाइयों , अनैतिकता  और भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है ! 

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