मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 18 February 2014

विधि का विधान

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


व्यक्ति के अपने वश में कुछ भी नही ! जो कुछ भी होता है विधि के विधान से होता है ! जब होनहार भली हो तो विपत्ति भी संपत्ति बन जाती है और यदि होनहार अनुकूल न हो तो मित्र व सगे सम्बन्धी भी शत्रुवत व्यवहार करते दिखाई देते हैं !

No comments:

Post a Comment