मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 17 May 2012

धार्मिक

जय जिनेन्द्र, नमस्कार शुभ प्रात:
 
स्वपन में भी किसी के प्रति दुर्भावना न  होना 
सच्चा धार्मिक बनने की दिशा में पहला कदम है !

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