मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 4 September 2012

स्नेह, शान्ति, सुख की जय लक्ष्मी,


शुचि कर्मों की दीप मालिका,
                       जग का तमस हरेगी !
स्नेह, शान्ति, सुख की जय लक्ष्मी,
                             घर घर में विचरेगी !!

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