मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

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जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 18 September 2012

दसलक्षण धर्म की शुभ कामनाएं


दसलक्षण धर्म की शुभ कामनाएं 

घृणा घृणा से,बैर बैर से ,
           कभी शांत हो सकते क्या ?
कभी खून से सने वस्त्र को,
          खून से ही धो सकते क्या ?

क्षमा,शान्ति ,सदभाव ,स्नेह की,
                    गंगा सी निर्मल धारा !
गहरी डूबकी लगा ह्रदय से ,
              धो डालो कलिमल सारा !!

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