मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 28 October 2011

क्षमावणी पर्व


क्षमावाणी पर्व
करूँ मै दुश्मनी किससे ,कोई दुश्मन भी हो अपना|
मुहब्बत ने नहीं दिल में,जगह छोड़ी अदावट की || 
छोटी सी जिन्दगी तकरार किसलिये ?
रहती है दिलों में ये दीवार किसलिये ?

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