मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 21 August 2012

क्षमा भाव ........

क्षमा माँगू क्षमा कर दो विनय कर जोड़ मेरी है !
मिटा  कर द्वेष कालुषता बजानी प्रेम भेरी है !


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