मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 18 June 2013

आत्मिक गुणों की उपासना



जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ संध्या !

आत्मिक गुणों की उपासना के बिना इन्द्रियों की वासना का परिहार नहीं हो सकता !


मुनिश्री 108 प्रकर्ष सागर जी महाराज  

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