मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Sunday 21 July 2013

ज्ञान और ध्यान



जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! नमस्कार !शुभ मध्यान्ह !

ज्ञान जितना उज्जवल होगा ,ध्यान भी उसी कोटि का होगा ! ध्यान से संवर पूर्वक निर्जरा होती है और निर्जरा से मोक्ष की सिद्धि होती है ! व्यक्ति ज्ञानी बन सकता है परन्तु ध्यानी बनने के लिए बाह्य क्रियाओं का निरोध करना ही होगा !

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