मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 1 July 2013

गन्दा नहीं ,,,,,,बन्दा ही भयभीत होता है



जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ संध्या !

गन्दा नहीं
बन्दा ही भयभीत होता है
विषय विघन सँसार से
और
अंधा नहीं आँख वाला ही
भयभीत होता है
परम सघन अन्धकार से
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज मूक माटीमें

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