मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 10 July 2013

मातृभूमि मातृपक्ष को त्यागपत्र देना खेल है क्या ?



जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! नमस्कार !शुभ संध्या !

स्व स्त्री हो या पर स्त्री
किसी पक्ष से चिपकी नहीं रहती वह
अन्यथा
मातृभूमि मातृपक्ष को
त्यागपत्र देना खेल है क्या ?
और वह भी
बिना संक्लेश , बिना आयास
यह पुरुष समाज के लिए टेढ़ी खीर है
नहीं
त्रिकाल असंभव कार्य है
इसीलिए भूलकर भी
कूल परम्परा संस्कृति का सूत्रधार
स्त्री को नहीं बनाना चाहिए
और गोपनीय कार्य के विषय में
विचार विमर्श भूमिका
नहीं बताना चाहिए !
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज मूक माटीमें

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