मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 22 March 2013

मूल्य


जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! शुभ प्रात: !
जैसे  कला का मूल्य कलाकार ही जानता है , लेखनी का मूल्य लेखक ही जानता है ,उसके ठीक विपरीत  आपके आचरण व व्यवहार का मूल्य कोई दूसरा ही जानता है !

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