मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 11 March 2013

destination


जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! शुभ प्रात: !
ताब मंजिल रास्ते मे , मंजिलें थी सैंकडों
हर कदम पर एक मंजिल थी ,मगर मंजिल न थी ! 

On the way to destination there were hundreds of  destinations . There was a destination at every step but there was no destination.

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