मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 28 March 2013

लाभ अलाभ


जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! शुभ प्रात:
जिस समय व जितना मुझे सुख दुःख लाभ अलाभ होना है ,उस समय वह अवश्य होगा ! यह निश्चित है ,मेरा सुख दुःख मेरे परिणाम व कर्म के द्वारा होगा – यह अटल सिद्धान्त है अत: मै अपने परिणामों से की सम्पदा को संभाल सदा जागरूक रहूँ !

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