मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 3 February 2012

आज का विचार 03.02.2012

हाथ से दिया दान ,सच्चे मन से लिया प्रभु नाम

बुढापे मे सहारा होता है !


आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की

“एक लाख की एक एक बात “ से

सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं

को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार

शुभ प्रात:

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