मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

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जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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Tuesday 7 February 2012

ब्रह्म मुहूर्त मे ले प्रभु का नाम

                     ब्रह्म मुहूर्त मे तो प्रभु नाम लेना ही चाहिए ! ब्रह्म मुहूर्त मे तो आत्मा मे लीन होने का परिणाम जागना चाहिये ! ब्रह्म मुहूर्त मे तो स्वच्छता को प्राप्त करने का परिणाम जागना चाहिये ! ब्रह्म मुहूर्त मे तो आत्मा मे जो अशुद्धि आ गई है ,उस अशुद्धि को हटा कर शुद्ध करने का परिणाम जागना चाहिये ! 
मुनि श्री 108 सुधासागर जी महाराज  "दस धर्म सुधा " मे

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