मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 2 November 2012

सत्य


निर्भय और निर्लोभी हुए बिना सत्य कहा नहीं जा सकता  और सम्पूर्ण समर्पण के बिना सत्य सुना व समझा नहीं जा सकता !

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