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Sunday 11 November 2012

धनतेरस व दीपावली की हार्दिक शुभ कामनायें !


जय जिनेन्द्र मित्रों .नमस्कार  प्रणाम
 
दुनिया में आज भी गुणों का आदर है ,धन वैभव का नहीं !
भले ही तुम धनी हो
,पर दुनिया को तुम्हारे धन से क्या लेना देना है ?
घोड़े की पूंछ लंबी होती है तो वह उससे अपनी मक्खी ही तो भगा सकता  है
, सवार को उसकी पूंछ से क्या लाभ ?
धनतेरस व दीपावली की हार्दिक शुभ कामनायें !
आने वाला समय आप सभी के जीवन में सुख
,समृद्धि व शान्ति का संचार करे !

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