मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 5 November 2012

“संस्कार”


सन्तान के जीवन को सुखमय बनाने के लिए पैसा ही सब कुछ नहीं होता ,सन्तान पर व्यक्तिगत ध्यान देना भी जरूरी होता है ,थोडा सा भी ध्यान हटा नहीं कि सन्तान पतन के किसी गहरे गड्ढे में गिर सकती है !

पण्डित रतनचंद जैन भारिल्ल जी की पुस्तक “संस्कार” से

1 comment:

  1. एक दम सटीक बात.....
    आभार...

    सदर
    अनु

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