मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 30 November 2012

बहुत दुःख है बड़ा कष्ट है


बहुत दुःख है बड़ा कष्ट है ,धन वालों क्या करते हो ?
दीन  दुखी का ह्रदय कुचलते नहीं जरा भी डरते हो !

लक्ष्मी का क्या पता आज है ,कल दरिद्रता छा जाए !
दो दिन की यह चमक चांदनी किस पर हो तुम गर्वाये ?

धन दौलत पाकर भी सेवा अगर किसी की कर न सका !
दयाभाव ला दुखित दिल के ,जख्मों को यदि भर न सका !

वह नर अपने जीवन में सुख शान्ति कहाँ से पायेगा ,
ठुकराता है जो औरों को ,स्वयं ठोकरें खायेगा !


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