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Thursday 10 January 2013

जीवन के तीन गुण हैं , बुद्धि,लज्जा एवं साहस


जय जिनेन्द्र मित्रों शुभ प्रात: प्रणाम 

जीवन के तीन गुण हैं ,
बुद्धि,लज्जा एवं साहस 

इन तीनों गुणों की उपासना करता हुआ मनुष्य श्रेष्ठ जीवन जी सकता है ,किन्तु जब तीन दुर्गुण रुपी भेडिये उसके इन तीन गुणों पर झपट पड़ते हैं तो न केवल वे उन्हें नष्ट ही करते हैं बल्कि उसके जीवन की दिव्यता ही समाप्त कर डालते हैं !
बुद्धि को नष्ट करता है क्रोध ,
लज्जा को दूर भगाता है लोभ   और
साहस को समाप्त करता है भय
क्रोध से मूढता का जन्म होता है ,मूढता से स्मृति विभ्रम और फिर बुद्धि का नाश !
लोभ से निर्लज्जता आती है ,निर्लज्जता व्यक्ति को चोरी ,दुराचार और क्रूरता की ओर बढ़ाती है !लोभी चोर बन जाता है और चोर को कैसी लज्जा !
भय के समान शक्ति और साहस का   दुश्मन कौन है ? भय के समान शक्ति का नाशक कौन है ? कोई नहीं !
बुद्धि मस्तिष्क में ,लज्जा दृष्टि में व साहस ह्रदय में रहता है लेकिन जब इनके स्थान पर मस्तिष्क में क्रोध ,दृष्टि में लोभ व ह्रदय में भय समा जाता है तो व्यक्ति का जीवन तहस नहस हो जाता है !

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